Description
“प्रहार” जब भी किसी पर होता है तो उसकी प्रतिक्रिया भी अवश्य होती है | प्रहार चाहे जान बूझ कर किया गया हो या अनजाने में प्रहार तो प्रहार है चोट तो अवश्य ही लगेगी और उसकी प्रतिक्रिया भी होगी |कुछ प्रहार अप्रत्यक्ष भी होते हैं जिनका जवाब भी अप्रत्यक्ष ही होता है |मग़र यदि प्रहार करने वाले की मनसा सही हो तो प्रतिक्रिया भी सकारात्मक ही होगी अर्थात् विनाश तो होगा मग़र कुछ ना कुछ नव निर्माण भी अवश्य होगा |प्रहार एवं प्रहार की प्रतिक्रिया को सकारात्मक रूप देने की एक छोटी सी कोशिश की गई है मेरी इस नौवीं कृति “प्रहार “में जिसमें सौ काव्य रचनाओं का संग्रह है | जिसे प्रिंसेप्स पब्लिकेशन ने सजाया संवारा एवं एक सुन्दर सी किताब का रूप दिया है जिसके लिए मैं प्रिंसेप्स पब्लिकेशन का धन्यवाद करती हूँ एवं आभार व्यक्त करती हूँ | उम्मीद है यह किताब सभी पाठकों को पसंद आयेगी | और समाज में एक नया परिवर्तन लाने में सहायक होगी |
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