Description
“वो कौन थी ? “उपन्यास का शीर्षक पढ़कर आपको सस्पेंस पैदा हो रहा होगा कि-
ये कोई भूत प्रेत से संबंधित उपन्यास होगा ?
ऐसा नही है ।
‘ मेरा यह उपन्यास एक लड़की के इर्द गिर्द घूमता है
इसमें एक इज्जतदार लड़की की कहानी दिखाई गई है कि कैसे हालात उसे वैश्या बनाने पर मजबूर कर देते हैं। फिर जब उसी लड़की के हालात बदलते हैं तो वैश्यावृति के चंगुल से निकलकर एक आदर्श पत्नी और मां की भूमिका निभाती है। लेकिन उसका अतीत उसे जीने नही देता।’
‘ इसी के समानांतर एक और प्रेम कहानी चलती है
जिसे विशेषकर युवाओं को ध्यान में रखकर लिखा गया है । कॉलेज लाइफ का एक पूरा मजेदार चैप्टर डाला गया है । जिसे पढ़कर आपको आनंद आ जायेगा । एक सच्चे प्रेमी जोड़े को कैसे एक दूसरे से चाल चलकर दूर कर देते है। और जब उनका मिलन होता है तो बहुत देर हो चुकी होती है । बहुत से युवा साशियो को अपने साथ ही घटित हो रही घटना का आभास कराएगा।”
‘ साथ साथ एक संदेश भी आपको मिलेगा कि जीवन केवल अपने लिए जीने का ही नाम नही है बल्कि त्याग और समर्पण हो तो जीवन सफल हो जाता है।’
बाकि आपका फीडबैक बताएगा कि मेरी कोशिश कितनी कामयाब हो पाई ……”अजीत दलाल”
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