Description
देश भर से आर्थिक समाज सुधारक, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी ने डिजिटल माध्यम से भाग लेकर समाज को मुख्य धारा जोड़ने में अहम भूमिका निभाई कर महंगाई का तांडव नेशनल पुस्तक निर्माण किया ।
फास्टर कमेटी यह निष्कर्ष निकला देश में मुल्य निर्धारण के लिए एक स्वतन्त्र विभाग निर्माण कर एक पांच सदस्यीय समिति गठित कर वस्तुओं का मुल्य (एमआरपी) निर्धारित करेगी, जिसमें एक सदस्य उत्पादक की ओर से सम्मिलित होगा।
प्रमुख रचनाओं संग्रहण में देशभर से 48 आर्थिक विद्वानों द्वारा विश्व की प्रमुख समस्या महंगाई के निस्तारण के लिए राष्ट्रीय पुस्तक महंगाई का तांडव में प्रमुख रचनाओं में छप्पर से टपकती महंगाई , महंगाई निस्तारण के लिए आयोग का गठन ,कलयुगी सुरसा डायन, सिक्के का कमाल , महंगाई के मूल कारक उद्योगपति, झूठे वादे, रोजी-रोटी को टक्कर , मुनाफाखोर एवं जमाखोर का बोलबाला, अब आधार कार्ड नहीं उधारकार्ड , प्राथमिकता अर्थव्यवस्था सुधार – आवश्यकता, लोमड़ी के खट्टे अंगूर आदि रचनाकार ने पुस्तक में चार चांद लगा दिए।
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