Description
अन्तर्मन की पीड़ा 2023 काव्य संग्रह प्रकाशित मेरा प्रथम काव्य संग्रह है। अन्तर्मन की पीड़ा काव्य संग्रह में एक सौ दो कविताएं है,जो सुर,लय और तान के साथ गाये जा सकते है। पाठकों को इनमें सहजता,सरलता,सरसता,गेयता तथा लयात्मकता से युक्त कविता मिलेंगे, जिनमें हृदयस्पर्शी भावनाओं और उदात्त विचारों का संगम भी देखा- परखा जा सकता है। कविता में जहाँ एक ओर समाज में फैली विडंबनाओं असंतोष,अन्याय,अत्याचार,उत्पीड़न,आत्मसम्मान,आक्रोश मन को उद्वेलित करता है,वही दूसरी ओर सामाजिक,शैक्षणिक,व्यक्तिक प्रेरणाओं से ओतप्रोत,स्त्री-प्रेम, पर्यावरण संरक्षण,,ईश्वर के प्रति आस्था, नारी अस्मिता,बेटी प्रेम, सजनी-साजन के विछोह, सुख-दुःख, हर्ष-शोक, आनंद-करूणा और संयोग-वियोग की अभिव्यक्ति तथा अन्तर्मन की दर्द से उपजी भाव पुष्प है,जो मन को भाव विभोर कर देता है। कविता मूलतः भाव एवं विचार प्रधान है जो साहित्य के प्रति रूचि रखने वाले सुधी पाठकों को अवश्य पसंद आयेगी।
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